बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर-
शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया के रूप में
(Tripolar Aspect of Education)
जॉन डीवी (John Dewey) ने शिक्षा को एक त्रिमुखी प्रक्रिया माना है। वे शिक्षा में शिक्षक- शिक्षार्थी के अतिरिक्त समाज को शिक्षा का एक प्रमुख तत्व मानते हैं। उनके अनुसार शिक्षा एक 'सामाजिक प्रक्रिया' (Social Process) है। इस प्रक्रिया में बालक को समाज की आकांक्षाओं के अनुकूल बनाया जाता है। वह समाज के पुनर्निर्माण में सहयोग करता है। डीवी ने शिक्षा के सामाजिक तत्व को सबसे अधिक महत्व दिया है।
डीवी के अनुसार - "समस्त शिक्षा प्रजाति की सामाजिक चेतना में व्यक्ति के सक्रिय रहने से ही उत्पन्न होती है।'
1. शिक्षा विकास की प्रक्रिया है (Education is the Process of Development) - बालक कुछ जन्मजात शक्तियों के साथ जन्म लेता है। इन शक्तियों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही होती हैं। इन शक्तियों में मानसिक शक्ति वह वातावरण से प्राप्त करता है। उसे जिस प्रकार की परिस्थितियाँ या वातावरण प्राप्त होता है, उसी प्रकार से उसकी शक्तियों का विकास होता है। इन शक्तियों का उचित विकास होने पर व्यक्ति बौद्धिक, भावात्मक और इच्छा-शक्ति के वातावरण में समायोजन कर पाता है। जैसाकि हार्न ने कहा है -
"शारीरिक और मानसिक दृष्टि से विकसित, स्वतंत्र और सचेतन मन की ईश्वर के प्रति उत्कृष्ट अनुकूल की निरन्तर प्रक्रिया ही शिक्षा है जो मनुष्य के बौद्धिक, भावात्मक एवं इच्छा शक्ति से सम्बन्धित वातावरण में अभिव्यक्ति होती है।"
शिक्षा का वास्तविक अर्थ अन्दर से विकास होने की प्रक्रिया को कहा जाता है। बालक की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास किया जाता है। यह विकास सामाजिक वातावरण के अनुसार होता है। रूसो के अनुसार - "शिक्षा अन्दर से विकास होने को कहते हैं न कि बाहर से संचय को, वह तो स्वाभाविक मूल प्रवृत्तियों और रुचियों की क्रिया से होती है न कि बाह्य शक्तियों के प्रति अनुक्रिया स्वरूप।
2 शिक्षा एक सचेतन व सप्रयोजन प्रक्रिया है (Education is a Conscious and Purposeful Process) - शिक्षा की प्रक्रिया सचेतन और सप्रयोजन प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को व्यक्ति सचेतन रूप में करता है। इसके लिए लाभकारी होती है। इसके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आते हैं। यह ऐसे परिवर्तन होते है जिससे मनुष्य और समाज का हित होता है क्योंकि मनुष्य अपने में परिवर्तन करके समाज में भी परिवर्तन करता है।
ब्राउन के शब्दों में शिक्षा सचेतन रूप में नियन्त्रित प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार उपरोक्त विवेचन से शिक्षा वास्तव में एक त्रिमुखी प्रक्रिया स्पष्ट होती है। यह शिक्षा की प्रकृति पर पूर्ण आधारित है। शिक्षा की प्रकृति का विवेचन करने से जान डीवी का कथन सत्य सिद्ध होता है।
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- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
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- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
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- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।